अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की डेडलाइन से पहले ही वापसी हो गई।जिसके बाद अब तालिबान ने पूर्ण रुप से स्वतंत्रता की घोषणा की है।बता दें कि तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि अमेरिकी सैनिकों ने काबुल हवाई अड्डे को छोड़ दिया है,जिसके बाद हमारे देश को पूर्ण रूप से स्वतंत्रता मिल गई है।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि हमने काबुल में राजनयिक स्थिति खत्म कर दिया हैं,और अपना संचालन दोहा स्थांनातरित कर दिया हैं।अफगानिस्तान से कूटनीति के प्रबंधन के लिए दोहा में पोस्ट का उपयोग करेंगे।उन्होनें कहा कि अमेरिकी सैन्य उड़ानें समाप्त हो गई हैं,हमारे सैनिक अफगानिस्तान से चले गए हैं।साथ ही उन्होनें यह भी कहा कि अमेरिका अफगान के लोगों को सहायता करना जारी रखेगा।यह सरकार के माध्यम से नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों जैसे स्वतंत्र संगठनों के माध्यम से होगा।
अफगानिस्तान में तालिबान का शासन लागू होने के बाद वहां के शिक्षा व्यवस्था में भी बदलाव देखने को मिल रहा है।दरअसल, उच्च शिक्षा मंत्रालय के कार्यवाहक मंत्री के रूप में नियुक्त किए गए अब्दुल बकी हक्कानी ने ये ऐलान किया है कि अफगानिस्तान में अब से स्कुलों में लड़के और लड़कियां अलग – अलग पढ़ाई करेंगे।
अब्दुल बकी हक्कानी ने इस बात की जानकारी दी कि अब अफगानिस्तान के स्कुलों में लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग क्लासरुम की व्यवस्था की जाएगी।बताया जा रहा है कि हक्कानी ने सरकारी और प्राइवेट स्कुल के अधिकारियों से बात करने हुए कहा कि अफगानिस्तान में लड़कियों को पढ़ने का अधिकार तो दिया जाएगा लेकिन लड़कियां लड़कों के साथ एक ही क्लासरुम में नहीं पढ़ेगी।
उन्होनें यह भी कहा कि अफगानिस्तान की नई सरकार महिलाओं के लिए सुरक्षित शैक्षणिक माहौल उपलब्ध कराया जाएगा।यह भी कहा कि जल्द ही फिर से यूनिवर्सिटी खोली जाएंगी।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद महिलाओं के साथ अत्याचार के मामले लगातार सामने आते रहे है।वहीं 1990 में जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर शासन किया था तब तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी।