नौकरी देने के मामले में बिहार सरकार ने रचा इतिहास

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बिहार सरकार ने 2 महीने के भीतर 2 लाख नए शिक्षकों की नियुक्तियां करके एक रिकॉर्ड बनाया है। यह नियुक्तियां बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के माध्यम से की गई हैं।बता दे की पहले चरण की परीक्षा में 1 लाख 12 हजार अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की थी, जिन्हें 2 नवंबर 2023 को नियुक्ति पत्र दिया गया था। वही दूसरे चरण की परीक्षा में 94 हजार अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की थी, जिन्हें 13 जनवरी 2024 को नियुक्ति पत्र दिया गया।बिहार सरकार ने मात्र 2 महीने के अन्दर लाखो युवाओं को नौकरी उपलब्ध कराकर पूरे देश में इतिहास रच दिया है ।अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि शिक्षकों के खाली पदों पर भी जल्द नियुक्ति की जाएगी। अगले डेढ़ साल में दस लाख नौकरी और दस लाख रोजगार दिया जाएगा। अब तक 3 लाख 63 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है, जबकि 5 लाख लोगों को रोजगार दिया गया है।

नए शिक्षकों की नियुक्ति से बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी और बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी। साथ ही, इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।बिहार सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह नियुक्तियां बिहार के शिक्षा क्षेत्र में एक नई शुरुआत है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि बिहार के सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।बता दे की सरकार ने स्कूलों के आधारभूत संरचना के सुधार पर भी नजर डाली है। शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में बुनियादी संरचना की मजबूती के लिए चालू वित्तीय वर्ष में करीब 900 करोड़ रुपये आवंटित कर दिये हैं। यह वार्षिक बजट के प्रावधान से अलग है, इसमें 200 करोड़ से अधिक की राशि केवल बेंच-डेस्क खरीदने के लिए निर्धारित की गयी है।सरकार ने जहां बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति की है, वहीं स्कूलों में बुनियादी ढांचा बेहतर करने को लेकर भी कदम बढ़ाए हैं।

नवनियुक्त शिक्षकों में 51 प्रतिशत महिलाएं शामिल
नवनियुक्त शिक्षकों में 51 प्रतिशत महिलाएं हैं। यह बिहार के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इससे नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा और महिलाओं को शिक्षा के क्षेत्र में अवसरों में बढ़ोतरी होगी।बिहार सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें से एक कदम यह भी है कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इस आरक्षण के कारण महिलाओं को शिक्षक भर्ती में पुरुषों की तुलना में अधिक अवसर मिल रहे हैं।जाहिर है की नवनियुक्त शिक्षकों में महिलाओं की संख्या बढ़ने से बिहार के सरकारी स्कूलों में महिला शिक्षकों की संख्या भी बढ़ेगीऔर इससे स्कूलों में लड़कियों की शिक्षा में भी सुधार होगा। साथ ही, इससे महिलाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।यह उपलब्धि बिहार सरकार की महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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