25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी ने 3 बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्थापक सदस्यों में से एक थे, और 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लंबे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य (पत्र) और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।
आपको बता दे की वाजपेयी एक कुशल वक्ता और कवि थे। उन्हें “भारत रत्न” और “पद्म विभूषण” जैसे कई सम्मानों से सम्मानित किया गया। उन्होंने भारत को एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती भारत में हर साल 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाई जाती है।
अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर कुछ महातुपूर्ण टिप्पणियाँ:-
“अटल बिहारी वाजपेयी एक महान नेता और एक महान व्यक्ति थे। उन्होंने भारत को एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी जयंती पर, हम उनके जीवन और कार्यों को याद करते हैं, और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।”
अटल बिहारी वाजपेयी एक शांतिप्रिय व्यक्ति थे। उन्होंने भारत को एक शांतिपूर्ण और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए काम किया। उनकी जयंती पर, हम उनके प्रयासों को याद करते हैं, और उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं।”
अटल बिहारी वाजपेयी एक प्रेरणादायक व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी जयंती पर, हम उनके जीवन और कार्यों को याद करते हैं, और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।
ये कुछ अटल जी की कविताएँ हैं। इन कविताओं में उन्होंने जीवन के विभिन्न पहलुओं को व्यक्त किया है। इन कविताओं में उनके विचारों और भावनाओं की झलक मिलती है
1.गीत नया गाता हूँ
गीत नया गाता हूँ,
नया राग सुनाता हूँ,
नई भावनाओं से
नया जीवन जगाता हूँ।
पुरानी बातें भूल जाओ,
नई राहों पर चलो,
नई कल्पनाओं से
नया जीवन बनाओ।
2.सपना टूट गया
सपना टूट गया,
आशाएँ धूमिल हो गईं,
जीवन का रंग उड़ गया,
और दिल टुकड़े-टुकड़े हो गया।
मैं क्या करूँ,
मैं कहाँ जाऊँ,
मैं किससे कहूँ,
मेरा क्या होगा?
रोते-रोते रात सो गई
रोते-रोते रात सो गई,
आँखों में आंसू सूख गए,
चेहरे पर मुस्कान आ गई,
लेकिन दिल में दर्द रह गया।
मैंने सपना देखा था,
कि मैं खुश रहूँगी,
लेकिन सपना टूट गया,
और मैं टूट गई।