साल 2024 के पहले ही दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने इतिहास रच दिया है। ISRO ने नए साल के पहले ही दिन एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इसने दुनिया का दूसरा और भारत का पहला एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) लॉन्च किया है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि यह भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करती है।
सुबह 9. 10 पर सेटेलाइट हुआ लांच
चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर पूर्व में स्थित अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से नए साल के पहले दिन सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर होने वाले प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती 31 दिसम्बर 2023 को शुरू हो गई थी।इसरो ने बताया पीएसएलवी-सी58 के लिए आज सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर उलटी गिनती शुरु की गई। एक्स-रे पोलरिमीटर सैटेलाइट एक्स-रे स्रोत के रहस्यों का पता लगाने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा।
XPoSat का लक्ष्य एक्स-रे ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ को बेहतर बनाना है। यह पल्सर, ब्लैक होल्स, सुपरनोवा और अन्य खगोलीय पिंडों की प्रकृति और उत्पत्ति के बारे में नए ज्ञान प्रदान करने की उम्मीद है। XPoSat के लॉन्च से भारत अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू कर रहा है। यह इस बात का संकेत है कि भारत अंतरिक्ष में अपने अनुसंधान और विकास को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
क्या है पोलिक्स..
पोलिक्स इस सैटेलाइट का मुख्य पेलोड है। इसे रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट और यूआर राव सैटेलाइट सेंटर ने मिलकर बनाया है। 126 किलोग्राम का यह यंत्र अंतरिक्ष में स्रोतों के चुंबकीय फील्ड, रेडिएशन, इलेक्ट्रॉन्स आदि की स्टडी करेगा। यह 8-30 keV रेंज की एनर्जी बैंड की स्टडी करेगा। पोलिक्स अंतरिक्ष में मौजूद 50 में से 40 सबसे ज्यादा चमकदार चीजों की स्टडी करेगा।